एब्स्ट्रैक्ट:सामग्री को स्किप करें ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के एक हफ़्ते के भीतर हुई पांच बड़ी
डोनाल्ड ट्रंप की अब तक की पसंद उनके दूसरे कार्यकाल के बारे में क्या इशारा करती है?
समाप्त
लेकिन ये पूरी कहानी बयां नहीं करता. डोनाल्ड ट्रंप के टीम के चयन से ये स्पष्ट होता है कि वो सरकार में आमूल-चूल परिवर्तन करने की योजना बना रहे हैं.
उदाहरण के तौर पर फॉक्स न्यूज़ के होस्ट और रूढ़िवादी लेखक पीट हेगसेथ को ट्रंप ने रक्षा मंत्री के रूप में नामित किया है.
वहीं अमेरिका के अगले स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ़ कैनेडी जूनियर कह चुके हैं कि वो देश की स्वास्थ्य एजेंसियों से \'भ्रष्टाचार को समाप्त\' करना चाहते हैं.
ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएन्सी (डीओजीई) का प्रमुख बनाया है. ट्रंप ने कहा कि मस्क और विवेक रामास्वामी अनावश्यक खर्चों को रोकने का काम करेंगे.
बड़ी बात ये है कि ट्रंप की टीम में शामिल लोग वफ़ादार माने जाते हैं. ट्रंप के नियुक्त किए गए लोग सरकारी विभागों में बदलाव करने के पक्ष में हैं.
2. डोनाल्ड ट्रंप को होगी आसानी
डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन के पास हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट में बहुमत है. ये अगले दो साल यानी मध्यावधि चुनाव तक कायम रहेगा.
इस कारण ट्रंप को अपना एजेंडा बढ़ाने में आसानी होगी. इससे साफ़ है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को दोनों सदनों में नीतियों को पास करवाने में आसानी होगी.
इसका ये भी मतलब है कि ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए ट्रंप के एजेंडा को रोकने में मुश्किल होगी. ट्रंप कम से कम कांग्रेस की उन जाँचों को टालने में सफल होंगे, जिनका सामना उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था.
रिपब्लिकन की इस बढ़त से ट्रंप को अमेरिका में किए बड़े वादों पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. अवैध तौर पर अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों को वापस भेजना, विदेशी सामान के आयात पर भारी-भरकम टैरिफ़ लगाना शामिल हैं.
3. सीनेट के रिपब्लिकन ने डोनाल्ड ट्रंप को क्या संदेश दिया
डोनाल्ड ट्रंप के दबदबे की परीक्षा इस सप्ताह की शुरुआत में उस समय हुई जब सीनेट में रिपब्लिकन ने अपना नया नेता चुना.
हालांकि ट्रंप ने दौड़ में सीधे तौर पर तो हिस्सा नहीं लिया लेकिन उनके वफ़ादार रिक स्कॉट हार गए और जॉन थ्यून जीत गए. जॉन के ट्रंप के साथ रिश्ते उथल-पुथल भरे रहे हैं. वैसे ये चुनाव सीक्रेट बैलेट के माध्यम से हुआ है.
भविष्य में ट्रंप की शक्तियों की परीक्षा होने वाली है.
उदाहरण के तौर पर सीनेट के कई रिपब्लिकन न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी मैट गात्ज़ को देने पर विरोध का संकेत दे चुके हैं.
4. ट्रंप पर क़ानूनी मामलों का क्या होगा?
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नियुक्ति पर कई लोगों का ध्यान जा रहा है, लेकिन इस जीत के साथ उनके ऊपर चल रहे कानूनी मामलों को लेकर भी चर्चा हो रही है. क्योंकि ये माना जा रहा है कि उनकी जीत इन क़ानूनी उलझनों को ख़त्म कर सकती है.
ख़ासतौर पर न्यूयॉर्क में चल रहे हश मनी मामले में उन्हें शायद राहत मिले. इस मामले में उनपर आरोप तय किए जा चुके हैं. लेकिन जल्द ही ये केवल इतिहास बन सकता है.
इस हफ्ते एक जज ने इस मामले में फ़ैसला टाल दिया कि ट्रंप की दोषसिद्धि को रद्द किया जाए या नहीं. इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रपति को मिलने वाली छूट को लेकर सुनाया गया फ़ैसला कारण था.
अब ये निर्णय अगले सप्ताह आने की उम्मीद है. चूंकि ये स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप पर दोषसिद्धि को ख़ारिज किया जाएगा या नहीं, ऐसे में 26 नवंबर को उनकी सज़ा पर होने वाली सुनवाई भी टलने की आशंका है.
5. ट्रंप की टीम में शामिल लोगों का चीन पर क्या कहना है?
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख़बरें जो दिनभर सुर्खियां बनीं.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
ये कोई छिपी हुई बात नहीं है कि ट्रंप का रुख़ वैश्विक मुद्दों पर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन से अलग है. ये भी माना जा रहा है कि ट्रंप की सरकार में अमेरिका की विदेश नीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
ट्रंप की टीम में शामिल लोगों में ज्यादातर वो हैं जो कि मानते हैं कि चीन अमेरिका के आर्थिक और सैन्य प्रभुत्व के लिए एक ख़तरा है.
अमेरिका के विदेश मंत्री बनने जा रहे मार्को रूबियो ने चीन को अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा विरोधी बताया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने वाले माइक वॉल्ट्ज़ कह चुके हैं कि अमेरिका का चीन के साथ शीत युद्ध चल रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में नामित होने वाले अमेरिकी राजदूत एलिस स्टेफनिक आरोप लगा चुके हैं कि चीन ने अमेरिकी चुनाव में दखल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप जब पिछली बार राष्ट्रपति थे तो अमेरिका के चीन के साथ तनावपूर्ण संबंध थे, लेकिन बाइडन के कार्यकाल में भी इसमें कोई खास सुधार नहीं हुआ.
टैरिफ़, निर्यात नियंत्रण समेत कई पुराने बयानों को ट्रंप ने इस चुनाव में भी दोहराया है. ये माना जा रहा है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप इस बार चीन पर और कड़ा रुख़ अपना सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
FP Markets
IC Markets Global
FOREX.com
OANDA
Vantage
VT Markets
FP Markets
IC Markets Global
FOREX.com
OANDA
Vantage
VT Markets
FP Markets
IC Markets Global
FOREX.com
OANDA
Vantage
VT Markets
FP Markets
IC Markets Global
FOREX.com
OANDA
Vantage
VT Markets