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एब्स्ट्रैक्ट:बीबीसी के हवाले से स्विस बैंक खाताधारकों की एक फ़र्ज़ी सूची सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है जिसकी ब
बीबीसी के हवाले से स्विस बैंक खाताधारकों की एक फ़र्ज़ी सूची सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है जिसकी बीबीसी पुष्टि नहीं करता है.
सूची में दावा किया जा रहा है कि स्विस बैंक कॉर्पोरेशन ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के लगातार दबाव बनाने के बाद स्विस बैंक में मौजूद भारतीय खाताधारकों की जानकारी भारत सरकार को सौंप दी है.
सूची में शामिल 10 लोगों में सबसे ऊपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का नाम आता है जिसके बाद रॉबर्ट वाड्रा, लालू प्रसाद यादव समेत पवन चामलिंग, पी चिदंबरम, सोनिया गाँधी, शशिकला नटराजन, राजीव कपूर, जय कुमार सिंह और उमेश शुक्ल का नाम है.
सूची के आख़िर में दावा किया गया है कि स्विस बैंक कॉर्पोरेशन के एक बड़े अधिकारी ने बीबीसी लंदन के एक रिपोर्टर से बात की और बताया कि 'बैंक ने सबसे बड़े 10 खाताधारकों की सूची भारत सरकार को दी है'.
बीबीसी न्यूज़ लंदन के हवाले से इस ख़बर को सोशल मीडिया पर बहुत से ग्रुप में पोस्ट किया जा रहा है.
बीबीसी नहीं करता ख़बर की पुष्टि!
बीबीसी ने सोशल मीडिया पर अपने नाम से जारी स्विस बैंक की इस लिस्ट वाली ख़बर का खंडन करते हुए आधिकारिक तौर पर बयान दिया है कि ''बीबीसी इस बात की पुष्टि करता हैं की यह ख़बर फ़र्ज़ी है और इसका बीबीसी से कोई लेना-देना नहीं है. हम पाठकों से आग्रह करते हैं कि वह ख़बरों को सत्यापित करने के लिए बीबीसी की न्यूज़ वेबसाइट देखें.''
बीबीसी की फ़ैक्ट चेक टीम ने जब सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही सूची में नामित स्विस बैंक कॉर्पोरेशन को सर्च किया तो पता चला की जिस बैंक के द्वारा लिस्ट जारी करने की बात कही जा रही है वह बैंक साल 1998 में ही ख़त्म कर दिया गया था.
इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार स्विस बैंक कॉर्पोरेशन को स्विट्ज़रलैंड में साल 1872 में स्थापित किया गया था.
स्विस बैंक कॉर्पोरेशन एक स्विस इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंसियल सर्विसेज प्रदान करने वाली एक कंपनी थी जिसे साल 1998 में ख़त्म कर उसका विलय यूनियन बैंक ऑफ़ स्विट्ज़रलैंड में कर दिया गया था.
पहले भी शेयर की गईं ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरें
सोशल मीडिया पर जारी बीबीसी के हवाले से स्विस बैंक की मौजूदा लिस्ट ऐसा पहला मौक़ा नहीं है जब बीबीसी के नाम पर इस तरह की फ़ेक न्यूज़ वायरल हो रही है.
इससे पहले लोकसभा चुनावों के दौरान भी ऐसी झूठी ख़बरें प्रसारित हो चुकी है.
देश की 17वी लोकसभा के लिए हुए आम चुनावों के दौरान भी बीबीसी के नाम से फ़र्ज़ी चुनावी सर्वे की एक लिस्ट सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर की गयी थी.
इस फ़ेक न्यूज़ में दावा किया गया था कि बीबीसी, सीआईए और आईएसआई के सर्वे के मुताबिक़ लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की जीत मिलने जा रही है.
''लेकिन बीबीसी ने तब सर्वे को लेकर स्पष्ट किया था कि वह चुनावों को लेकर किसी तरह का सर्वे नहीं करती है.''
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।