简体中文
繁體中文
English
Pусский
日本語
ภาษาไทย
Tiếng Việt
Bahasa Indonesia
Español
हिन्दी
Filippiiniläinen
Français
Deutsch
Português
Türkçe
한국어
العربية
एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersसऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि अगर दुनिया के दूसरे देश
इमेज कॉपीरइटReuters
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि अगर दुनिया के दूसरे देश ईरान के ख़तरे से निपटने के लिए एक साथ नहीं आए तो इसका असर विश्व बाज़ार में कच्चे तेल की आपूर्ति पर पड़ेगा और तेल की कीमतें अप्रत्याशित तरीके से बढ़ सकती हैं.
अमरीका के टीवी चैनल सीबीएस के एक कार्यक्रम '60 मिनट्स' में उन्होंने कहा कि ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ा तो उसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
उन्होंने एक बार फिर इस बात से इनकार किया कि उनके आदेश पर सऊदी पत्रकार जमाल ख़ॉाशोज्जी की हत्या हुई थी. बीते साल अक्तूबर में इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या कर दी गई थी.
क्राउन प्रिंस सलमान ने कहा कि वो चाहते हैं कि सऊदी अरब और ईरान के बीच चल रहे तनाव का राजनीतिक हल तलाशा जाए क्योंकि दोनों के बीच युद्ध हुआ तो उसका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
उनका कहना था कि पूरी दुनिया की तेल की सप्लाई का 30 फ़ीसदी, विश्व व्यापार का 20 फ़ीसदी और पूरी दुनिया की जीडीपी का 4 फ़ीसदी योगदान मध्य-पूर्व के इलाक़े से ही आता है.
उनका कहना था, “ज़रा सोचिए ये तीनों चीज़ें एक साथ प्रभावित हों तो क्या होगा? इसका अर्थ होगा कि केवल सऊदी अरब या मध्य-पूर्व के देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था ही डगमगा जाएगी.”
उन्होंने एक बार फिर कहा कि सऊदी अरब के दो तेल के ठिकानों पर ड्रोन हमला बचकाना हरकत थी.
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि ये बचकाना हरकत थी. इसका कोई रणनीतिक उद्देश्य नहीं था. कोई बेवकूफ़ ही होगा जो विश्व की तेल आपूर्ति के 5 फीसदी हिस्से पर हमला करेगा. इसका केवल एक ही उद्देश्य हो सकता है कि वो ये साबित करना चाहते थे कि वो बेवकूफ़ हैं और जो उन्होंने किया उससे यही साबित होता है.”
ये भी पढ़िएः
सऊदी अरब और रूस को कैसे दोस्त बनाया तेल ने
सऊदी तेल ठिकानों पर हमले के बाद कच्चे तेल के दाम बढ़े
इमेज कॉपीरइटReuters
क्राउन प्रिंस सलमान ने कहा कि वो अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से सहमत हैं कि ईरान ने जो किया वो युद्ध अपराध है.
उन्होंने कहा, “अगर विश्व के दूसरे देश ईरान को रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाएंगे तो मामला और बढ़ेगा और कई देशों के हित प्रभावित होंगे. विश्व की तेल सप्लाई प्रभावित होगी और तेल के दाम इतने बढ़ेंगे जितना हमने आज तक नहीं देखा होगा.”
हालांकि क्राउन प्रिंस सलमान का कहना था कि वो किसी तरह के सैन्य अभियान के पक्ष में नहीं हैं और मामले का शांतिपूर्ण राजनीतिक हल ही बेहतर विकल्प होगा.
तो क्या सऊदी अरब को ये लगता है कि अमरीकी राष्ट्रपति को ईरान के साथ एक नए परमाणु करार की तरफ़ कदम बढ़ाना चाहिए.
इस सवाल के उत्तर में क्राउन प्रिंस का कहना था कि समस्या अमरीका की तरफ से नहीं है “क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति नए करार की ही बात कर रहे हैं लेकिन ईरान की बातचीत के लिए आगे नहीं आना चाहता.”
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ ने एक बार फिर दोहराया है कि जब तक ईरानी लोगों पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को अमरीका हटाएगा नहीं तक तक अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से मुलाक़त नहीं होगी.
ईरान लगातार कहता रहा है कि अमरीका ने एकतरफ़ा फ़ैसला कर ख़ुद को परमाणु करार से दूर कर लिया था जिसका बुरा असर ईरान की परमाणु नीति पर पड़ा है.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
EC Markets
VT Markets
IC Markets Global
FXTM
STARTRADER
ATFX
EC Markets
VT Markets
IC Markets Global
FXTM
STARTRADER
ATFX
EC Markets
VT Markets
IC Markets Global
FXTM
STARTRADER
ATFX
EC Markets
VT Markets
IC Markets Global
FXTM
STARTRADER
ATFX