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एब्स्ट्रैक्ट:सीईबीआर ने कहा भारत 2037 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीबीआई रिपोर्ट के अनुसार आगामी 15 सालों में भारत अपना स्थान परिवर्तन करते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत लगातार वृद्धि कर रहा है एवं विकास की दिशा में अग्रसर है।
सीईबीआर ने कहा भारत 2037 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीबीआई रिपोर्ट के अनुसार आगामी 15 सालों में भारत अपना स्थान परिवर्तन करते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत लगातार वृद्धि कर रहा है एवं विकास की दिशा में अग्रसर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत ने हाल ही में विश्व में चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का बिगुल बजाया है। भारत ने इस दौड़ में ब्रिटेन जैसे विकसित देश को टक्कर देकर यह स्थान हासिल किया है।
आपको बता दें कि CEBR यानी सेंटर फॉर बिसनेस इकनोमिक रिसर्च आर्थिक नीति और पूर्वानुमान अनुसंधान केंद्र है। इसका मुख्यालय अमेरिका में है। CEBR अनुसंधान में स्वास्थ्य देखभाल, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं, सार्वजनिक वित्त, ऊर्जा क्षेत्र के अध्ययन और परिवहन शामिल हैं।
आशंका जताई जा रही है कि 2035 तक भारत 10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के साथ खुद को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेगा। सीईबीआर द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल में कहा गया कि आगामी पांच वर्षों में यानी 2023 से 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6.4% की दर से बढ़ेगी। इस विकास दर से अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत 2037 में स्थान परिवर्तन करते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। अनुमानित है कि उस समय चीन पहले स्थान पर आ जाएगा तथा अमेरिका दूसरे स्थान पर विराजमान होगा। भारत में स्टार्टअप खुलने, निजी उद्योगों को बढ़ावा मिलने से अर्थव्यवस्था में विविधता आई है।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोनावायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डाला है परंतु इसके बावजूद भी सभी देश अपनी अर्थव्यवस्था का विकास करने में लगे हैं। हालांकि रिपोर्ट में ये कहा गया है कि कुछ राजनीतिक कारकों की वजह से भारत पीछे की ओर जा सकता है। जैसे जनसांख्यिकी। रिपोर्ट में दावा भी किया गया कि वैश्विक मंदी के दौरान भारत की विकास दर अन्य देशों के मुकाबले सबसे तेज़ रही। भारत की आगे की राह आसान नहीं है। विवधतापूर्ण देश होने की वजह से भारत में ऐसे कई कारक मौजूद हैं जो इसके विकास में रुकावट खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में भारत को विकसित देशों की श्रेणी में पहुँचने के लिए अपने अंदरूनी संघर्षों से लड़ना होगा।
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